मामा की सेक्सी बेटी की बार बार चुदाई- 1

जॉन 7

01-05-2024

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गाँव सेक्स की कहानी में मैंने अपनी ममेरी बहन को चोदा तो उसे चुदाई का शौक लग गया. सुबह को मैं नहाने गया तो वह बाथरूम में आ गयी और सेक्स के लिए कहने लगी.


दोस्तो, मैं आपको अपनी बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा था.


ममेरी बहन के साथ सेक्स रिलेशन में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मेरी ममेरी बहन मेघा के साथ फोन सेक्स करके उसे सेक्स के लिए मना चुका था. फिर वह अपने घर आई तो मैं भी मामा के घर गया और रात में मैंने उसकी पहली चुदाई कर दी थी.


अब आगे गाँव सेक्स की कहानी:


अगले दिन मेघा मुझसे बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी.


एक दिन घर में कोई नहीं था. मामी पड़ोस में गयी थीं, मेघा की बहन सलोनी स्कूल गयी थी.


मैं सुबह उठा और नहाने के लिए बाथरूम में चला गया.


थोड़ी देर बाद दरवाजे पर किसी ने नॉक किया. मैंने देखा तो मेघा थी.


मैं- क्या चाहिए? मेघा मुस्कुराती हुई- जो उस दिन रात में दिया था!


मैं- अरे कोई आ गया तो! मेघा- कोई नहीं है. मम्मी आंटी के यहां हैं और सलोनी स्कूल गयी है.


मैंने दरवाजा पूरा खोल दिया और मेघा बाथरूम में आ गयी. मेघा ने स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी थी.


मैंने मेघा को दीवार पर लगा दिया और उसके होंठों को पीने लगा. मेघा भी मेरे होंठों को पी रही थी.


मैं टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स मसलने लगा. मेघा ने अपनी टी-शर्ट उतार दी.


मैंने मेघा की ब्रा उतार दी और उसके दूध पीने लगा. मेघा- आआअहह … आराम से.


फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी. मेघा अब काली पैंटी में थी.


मेघा ने भी अंडरवियर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- मुझे पीना है.


मैंने मेघा को नीचे बैठाया और लंड उसके मुँह में डाल दिया.


मेघा मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और पागलों की तरह पी रही थी.


मैंने मेघा के मुँह के अन्दर ही पूरा रस भर दिया और उसने पूरा पी लिया.


मैंने मेघा को लेटने के लिए बोला और उसकी पैंटी उतार दी.


मेघा- क्या पीने वाले हैं आप! मैं- जो तुमने पैंटी में छुपा रखा था. मेघा- पागल हो जाती हूँ मैं, जब आप उसे पीते हैं.


मैं- आज और पागल कर दूँगा तुम्हें! मेघा हंसती हुई- ओके कर लीजिए.


मैंने मेघा की दोनों टांगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटने लगा.


मेघा- उई भईया … आआअहह.


उसकी चूत बहुत गीली थी और नमकीन थी.


मेघा- आअहह … मार डालेंगे आप तो!


मैंने मेघा की चूत के दाने को काट लिया. मेघा तड़प उठी- आआ अहह.


मेघा ज़मीन पर दोनों पैर फैला कर लेटी थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था. वह एक बार झड़ चुकी थी. फिर भी उसकी चूत बहुत गीली थी.


फिर मैं मेघा के ऊपर आ गया. मेघा- हालत खराब कर देते हैं आप तो! मैं- जब डाल कर करेंगे, तब ज्यादा हालत खराब होगी तुम्हारी!


मेघा- डालिए फिर! मैंने मेघा की चूत में अपना लंड डाल दिया.


मेघा- आह भैया बहुत बड़ा है आपका! मैंने धीरे धीरे मेघा की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.


मेघा- अहह. मैं- क्या हुआ?


मेघा- और अन्दर भैया. मैंने मेघा की टांगें और फैलाईं और पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया.


मेघा- आह भैया चला गया पूरा. अब मैंने मेघा की चूत में स्पीड बढ़ा दी. मेघा- आहह.


मैं- मज़ा आ रहा है! मेघा- बहुत.


मैं- गंदा बोलो, तभी और कसके पेलूँगा तुम्हें! मेघा- और कस के चोदिए. मैं- और कसके? मेघा- हां और कसके भैया.


मैं- कैसे चुदवा रही हो तुम? मेघा- पूरी नंगी होकर बाथरूम में.


मैं- और अच्छे से बोलो. मेघा- पूरी नंगी होकर, टांगें फैला कर आपसे से चुदवा रही हूँ भैया!


मैंने मेघा की चूत में लंड की स्पीड बढ़ा दी.


मेघा- और चोदिए! मैं- बहुत गीली है तुम्हारी चूत मेघा.


मेघा- तभी तो आपका लंड अन्दर ले पा रही हूँ. मैं- कितनी खूबसूरत हो तुम!


मेघा- इसीलिए आपका दिल मुझ पर आया ना! मैंने मेघा के होंठों को मुँह में भर लिया और खूब किस करने लगा.


मेघा भी खूब जीभ घुमा घुमा कर मुझे किस कर रही थी.


मेघा- भैया मुझे आपके ऊपर आना है. मेघा मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी. उसके दूध झूल रहे थे और वह अपने बालों को पकड़े सिर्फ़ लंड को अन्दर बाहर कर रही थी.


मैंने मेघा के दोनों दूध हाथ में पकड़ लिए और कस कसके उसकी चुदाई करने लगा.


मेघा- अहह.


मैं- बहुत हॉट हो तुम. मन करता है पूरा दिन तुम्हें चोदूं. मेघा- तो कीजिए ना, किसने रोका है!


मेघा मेरे ऊपर ही थी और मैंने उसको करीब बीस मिनट ऐसे ही चोदा. मेघा- इतना मज़ा तो कभी नहीं आया.


मैं- अभी और मज़ा आएगा तुम्हें! मेघा- वह कैसे?


मैंने मेघा को पेट के बल लिटाया और उसके हाथ पीछे की तरफ मोड़ दिए. फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा.


मेघा- आह आप तो मेरी जान ले लेंगे भैया. मैं- तुम्हारी चूत रस से भर दूं? मेघा- भर दीजिए.


मैंने पूरा लिक्विड मेघा की चूत में भर दिया.


मेघा ने मुझे किस किया और कपड़े पहन कर बाथरूम से चली गयी.


थोड़ी देर बाद मामी घर आ गई.


मेघा के दूध पहले से बड़े लगने लगे थे और वह और भी ज़्यादा खूबसूरत हो गयी थी. फिर एक दिन मैंने खेत घूमने का प्लान किया, तो मामी ने बोला कि इतनी धूप में कहां जाओगे.


लेकिन मेरा मन खेत घूमने का था. मामी ने पूछा कि रास्ता पता है? तो मैंने मना कर दिया.


तभी मामी ने ऊपर से सलोनी को आवाज़ लगाई कि मेरे साथ खेत चली जाए. लेकिन सलोनी ने मना कर दिया कि उसे रास्ता याद नहीं है.


फिर मामी ने मेघा को आवाज़ लगा दी तो मेघा चलने को रेडी हो गयी. लेकिन रास्ता उसे भी अच्छे से नहीं पता था.


फिर मैं और मेघा खेत घूमने निकल पड़े. हम लोगों ने साथ में पानी की बॉटल और स्नॅक्स रख लिया था.


मैंने एक कंडोम का पैकेट भी रख लिया था … इमरजेन्सी के लिए.


हम लोग सुबह 10 बजे घर से निकले. खेत थोड़ी दूर था, तो जाने में एक घंटा लग गया. हम लोग पैदल ही गए थे.


उस वक़्त गर्मी थी तो खेत में कोई नहीं था. मेघा- भैया इतनी दोपहर में आपको खेत घूमने की कैसे सूझी … इतनी ज्यादा गर्मी है … और यहां कोई है भी नहीं! मैं- इसी लिए तो मन बनाया खेत घूमने का!


मेघा- आप भी ना! मैं- यहां तो कोई है भी नहीं, तो किसी के आने का डर भी नहीं है.


मेघा- अच्छा तो ये प्लान है आपका लेकिन यहां तो चारों तरफ खुले खेत हैं. फिर कैसे हो पाएगा कुछ!


मैं- तो फिर! मेघा- मैं क्या बताऊं. आपने पहले बताया ही नहीं! मैं- मैंने फिल्म्स में देखा था, लोग छोटी सी झोपड़ी बना कर खेत की रखवाली करते हैं.


मेघा- वैसा कुछ यहां नहीं है. मैं- तो फिर गाँव सेक्स का प्लान कैंसिल समझूँ?


मेघा- चलिए ढूंढते हैं कुछ. शायद कुछ मिल जाए. थोड़ी देर घूमने के बाद हम लोगों को पेड़ पर एक छोटा सा लकड़ी का बना हुआ मचान सायाबान सा दिखा.


मैं- वह क्या है? मेघा- आपकी मंज़िल.


वह हंसने लगी- लेकिन अन्दर कोई हो ना उसमें!


मैं और मेघा मचान पर चढ़ गए और देखा तो वह छोटा सा कमरानुमा मचान खाली था. शायद जिसका खेत था, उसने दूर से निगरानी के लिए बनाया था. मेघा- यह तो काफ़ी अच्छा बनाया गया है. इसमें तो घास वाला गद्दा भी बिछा हुआ है.


मैं- क्या पता वह भी अपनी गर्लफ्रेंड को यहां ऊपर लाता हो! मेघा- अरे आप तो … यहां गाँव में इतना कोई नहीं सोचता.


तभी मेघा ने देखा कि मेरी पैंट हल्की सी टाइट हो गयी है. मेघा- क्या हुआ आपको अब!


उसने नीचे की तरफ इशारा करके बोला. मैं- तुम्हें देख कर इसकी हालत खराब हो जाती है. मेघा- अच्छा!


मैं- हां मेघा, आज तुम्हारा सब कुछ पीना है मुझे! मेघा- कुछ छोड़ा कहां है आपने. सब कुछ तो पी चुके हैं!


मैं- आज बिना टेन्शन के पियूंगा. मेघा- अच्छा!


मैं- क्या हुआ … कुछ गीला हो गया क्या? मेघा- आपको देखते ही गीली हो जाती है. यह कह कर वह हंसने लगी.


मैं- आज तो तुम गयी समझो. मेघा- आज खूब प्यार कीजिए मुझे भैया.


यह कह कर मेघा मेरी तरफ पीठ करके बैठ गयी.


मैंने मेघा की हेयर पिन हटा कर उसके बाल खोल दिए और फिर उसकी टी-शर्ट उतार दी.


वह सिर्फ़ लाल रंग की ब्रा में थी.


मेघा दूध की तरह सफेद थी और उसकी पीठ पर लाल ब्रा बहुत गजब लग रही थी.


मैंने मेघा की पीठ पर किस किया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, उसे लेटा दिया और मैंने मेघा की पूरी पीठ को खूब चाटा व किस किया.


मेघा- आअहह.


फिर मैंने मेघा का लोवर उतारा. उसने लाल रंग की पैंटी पहनी थी. उसकी पैंटी गीली थी.


मेघा गद्दे पेर सीधा लेट गयी. मैंने उसकी पूरी ब्रा हटा दी.


उसके दूध एकदम गोरे … भूरे निप्पल.


मेघा- कैसी लग रही हूँ मैं? मैं- क़यामत.


मेघा- अच्छा! मैं मेघा के दूध हाथ में लेकर मसलने लगा और बारी बारी से निप्पल भी चूस रहा था.


मेघा- उफ्फ़ … आअहह! मैं- अच्छा लग रहा है?


मेघा- हां. मैं मेघा के दूध दबा रहा था और निप्पल चूस रहा था. मेघा मदहोश सी लेटी थी.


मेघा- भैया दबाते रहिए! फिर मैं उसके दूध कस कसके मसलने लगा.


मेघा- आआअहह … भैया. मैं मेघा के एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा.


मेघा- उ फ्फ़ … आज तो आप इन्हें भी बड़े से बड़े कर देंगे. मैं मेघा के दोनों हाथ पकड़ कर उसके दूध चूस रहा था.


मेघा बस लेटी थी और मदहोश थी. थोड़ी देर बाद मैं मेघा की जांघों के पास आ गया. बहुत गजब की मोटी मोटी जांघें थीं उसकी.


मैंने मेघा की जांघों को भी खूब चाटा और किस किया. मेघा- अहह … इतना अच्छा तो कभी नहीं लगा, जितना आज लग रहा है.


मैंने मेघा की पैंटी उतारी, पूरी गीली थी. उसे बाहर लटका दी. मेघा बिना कपड़ों की गद्दे पर लेटी थी. मैंने उसकी दोनों जांघें फैलाईं, जिससे मेघा की चूत खुल गयी. फिर मैंने उसकी चूत को जीभ से चाट लिया.


मेघा- आअहह … भैया. मैं- बहुत नमकीन पानी है यार चूत का. वह शर्मा गई.


फिर मैंने धीरे मेघा की चूत को पीना शुरू किया. बहुत पानी आ रहा था उसकी चूत से और मैं लगातार उसकी चूत को चूस रहा था. मेघा बिल्कुल पागल हुई जा रही थी और अपने दूध मसल रही थी.


मैंने मेघा की चूत पी और उसी दरमियान उसका एक बार रस भी निकल गया. मैंने उसे भी पी लिया.


मेघा- भैया, आपने तो हालत खराब कर दी! मैं- अभी तो असली काम बचा ही है.


वह फिर से शर्मा गई और उठ कर मेरे सीने से चिपक गई.


दोस्तो, आपको गाँव सेक्स की कहानी कैसी लग रही है, प्लीज बताएं. आगे मैं आपको अपनी बहन की चुदाई का विस्तृत विवरण लिखूँगा. [email protected]


गाँव सेक्स की कहानी का अगला भाग:


Teenage Girl

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