मामी की चूत में उंगली करके गर्म किया

आदी 14

24-04-2024

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Xxx मामी चुदाई कहानी में मैं मामा के घर गया हुआ था. मैं मामा के कमरे में सोता था. एक रात मैंने मामी का ब्लाउज खुला देखा, उनका बूब नंगा था.


नमस्ते दोस्तो, आज मैं आप सब लोगों को अपने जीवन की एक आपबीती सुनाने जा रहा हूँ. नया नया जवान हुआ लड़का कैसे अपनी जिंदगी की पहली कामुकता का अनुभव करता है … पढ़िए इस कहानी में!


ये सच्ची Xxx मामी चुदाई कहानी 100% वास्तविकता पर आधारित है इसलिए मैंने नाम और जगह सही नहीं बताई है. बस इतना बताता हूँ कि मैं अभी महाराष्ट्र के पुणे में पढ़ाई कर रहा हूं.


मैं एक मेडिकल कॉलेज का स्टूडेंट हूँ और अभी अपनी पढ़ाई पूरी करने में व्यस्त हूं. अभी मेरी उम्र 25 साल है. मेरा नाम आप आदी रख सकते हैं.


यह बात तब की है, जब मैं 19 साल का था. मेरी 12 वीं की पढ़ाई खत्म हो गयी थी और नीट की तैयारी भी पूरी हो गई थी.


नीट का एग्जाम देने के बाद मैं अपने परिणाम की प्रतीक्षा कर रहा था. छुट्टियां चल रही थीं तो मैं कुछ दिन रहने के लिए अपनी नानी के पास चला गया.


मेरी नानी मेरे मामा और मामी के साथ रहती थीं. मामी दिखने में बड़ी जबरदस्त हैं.


वे ज्यादा खूबसूरत बन कर तो नहीं रहती हैं लेकिन किसी भी नजरिए से देखो तो सेक्स की जीवंत मूर्ति लगती हैं.


उनका बदन भरपूर गदराया हुआ था. मैंने अब तक उनके जैसे हुस्न को व परियों जैसी सुंदर काया को बस फिल्मों और कहानियों में ही देखा व पढ़ा था.


मुझे तब फिगर वगैरह के बारे में ज्यादा पता नहीं था और ना ही कुछ ज्यादा पढ़ा था.


मामी को एक डेढ़ साल का छोटा बेटा है तो उनके स्तनों से अभी भी दूध आता है.


मेरे मामा जी कंपनी में काम करते हैं. मामा को कंपनी की तरफ से एक दो कमरे वाला घर मिला था, तो वह उसी में रहते थे.


वे गर्मी के दिन थे, तो मैं कूलर वाले रूम में सोता था. उस रूम में 2 बेड थे. दोनों बड़े वाले बेड थे, जो एक दूसरे से सटाकर लगाए हुए थे.


मैं एक बेड के कोने में सोता था, बीच में मामा फिर उनके साइड में उनका बच्चा. दूसरे बेड के कोने में मामी सोती थीं.


हफ्ते में 3 दिन तक मामा की नाईट शिफ्ट होती थी और तीन दिन दिन की शिफ्ट चलती थी. जब मामा नाईट ड्यूटी पर होते, तब भी मैं अपनी वही कॉर्नर वाली जगह पर ही सोता था और दूसरे बेड पर मामी और उनका बच्चा.


अभी मुझ पर जवानी चढ़ने लगी थी, तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. अपने लंड को हिलाने का मन होता तो मैं चुपके से कम्बल को सिर पर ओढ़ कर लंड हिला लेता और पानी निकाल कर सो जाता था.


मेरा लंड सामान्य आकार का ही है, जैसा ज्यादातर भारतीय लोगों का होता है.


उस दिन मामा रात वाली ड्यूटी पर गए हुए थे. रात गहराई तो मैं सो गया. मुझे जल्दी सोने की आदत थी.


अभी डिग्री कॉलेज में कुछ पुरानी आदतें छूट जाती हैं और कुछ नई लग जाती हैं. रात को करीबन 2 बजे किसी वजह से मेरी आंख खुल गई.


कमरे की लाइट बंद थी लेकिन खिड़की से प्रकाश अन्दर आ रहा था. उस प्रकाश से मैंने जो दृश्य देखा … उसे देखकर मेरी नींद मुझसे कोसों दूर भाग गई.


मामी मेरे बेड पर आकर लेटी हुई थीं और उनकी दूसरी तरफ उनका बच्चा था. मामी के बच्चे ने साइड वाले बेड पर सुसु कर दी थी इसलिए मामी मेरे बेड पर आ कर सो गई थीं. मामी का ब्लाउज आधा खुला हुआ था और उसमें से उनका एक स्तन बाहर निकला हुआ था.


मामी और मेरे बीच में सिर्फ आधा हाथ का अंतर था.


इतने पास से किसी के बूब्स देखने का ये मेरा पहला ही मौका था. मैं उत्तेजित हो गया.


मैंने धीरे से देखा कि मामी या बच्चा जागे हुए हैं या नहीं. वे दोनों गहरी नींद में सो रहे थे.


मामी शायद बच्चे को दूध पिलाते पिलाते ही सो गई थीं इसलिए उनका एक आम बाहर निकला हुआ था.


मैं धीरे से मामी की तरफ सरक गया और मामी के साथ सटकर सोने की एक्टिंग करने लगा.


मैंने धीरे से अपना एक हाथ मामी के पेट के ऊपर रखा. बस इतना करने से ही मेरी उत्तेजना और दिल की धड़कन दोनों बहुत ही ज्यादा बढ़ गयी थीं.


नई नई जवानी चढ़ी थी तो ये सब मेरे लिए नया था. मामी की तरफ से कोई भी हलचल नहीं हुई तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी.


मैं धीरे धीरे अपना हाथ ऊपर की ओर बढ़ाता रहा.


जैसे जैसे हाथ ऊपर की ओर बढ़ रहा था, मेरे दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी … और मेरा लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो चुका था.


फिर आखिर वह घड़ी आ ही गयी जब मैंने यौवन में कदम रखने के बाद पहली बार स्त्री शरीर के कोमल और मुलायम अंग का अनुभव किया. जैसे ही मैंने अपना हाथ मामी के स्तन पर रखा तो वह स्पर्श मेरे पूरे शरीर में सुखद लहर पैदा कर गया.


मैंने अपना पूरा हाथ मामी जी के स्तन पर रख दिया और उसकी मुलायमियत को महसूस करता रहा. मेरी उत्तेजना काफी बढ़ गयी थी तो मेरे लंड से प्रीकम निकलना चालू हो गया था और मुझे बहुत मजा आ रहा था.


वह स्पर्श इतना मुलायम था जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है. मुझे उस दूध को दबाने का मन हुआ तो मैंने अपना दबाव बढ़ा दिया.


तभी मेरे हाथ को कुछ गीला महसूस हुआ. मैंने हाथ हटा कर खिड़की से आ रही रोशनी में देखा तो वह मामी के दूध की बूंदें थीं जो मेरे दबाव की वजह से स्तन से बाहर आ गयी थीं. उसे मैंने चाटा तो उसका स्वाद मेरे मुँह में आ गया.


मैंने वापस से अपना पूरा हाथ मामी के स्तन पर रख दिया और उसे हल्के हाथ से दबाने लगा. मुझे ऐसे करना बहुत ही आनन्ददायी लग रहा था.


फिर मैंने धीरे से मामी के दूसरे स्तन को भी बाहर निकाला और बारी बारी से दोनों स्तनों को दबाने लगा. अब तक तो मामी नींद में थीं तो मेरी हिम्मत और बढ़ने लगी.


जब लंड खड़ा होता है तो आदमी के अन्दर का जानवर बस वही ढूंढता है, जिससे उसकी प्यास बुझे! मेरे अन्दर भी कुछ जाग गया था जो मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रहा था और मुझे हिम्मत दे रहा था.


कुछ देर उन मुलायम स्तनों से खेलने के बाद मैंने आगे बढ़ने की सोची और अपना एक हाथ नीचे की तरफ बढ़ा दिया. अब मेरा एक हाथ मामी के पेट पर था और दूसरा छाती पर.


पेट पर जो हाथ था, उसे मैं धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ा रहा था. जैसे जैसे हाथ बढ़ रहा था, मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी.


एक ही समय पर उत्तेजना, डर, रोमांच, वासना ये सब मैं महसूस कर रहा था. मेरे लंड से उत्तेजना ज्यादा बढ़ने की वजह से प्रीकम और अधिक निकलने लगा था जिसकी वजह से मुझे और भी मजा आ रहा था.


अब मैंने अपना हाथ मामी की कमर तक बढ़ा दिया था, जहां पर मामी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट बांधी हुयी थी. उनके नींद में होने की वजह से उनकी साड़ी भी थोड़ी ढीली हो गयी थी.


मैंने अपने हाथ से मामी के पेट पर दबाव बनाया और दबाव की वजह से जो पेट और साड़ी पेटीकोट के बीच में गैप बना, उसमें से मैंने अपना हाथ नीचे की ओर बढ़ा दिया.


मेरा हाथ धीरे धीरे मामी के पेट से होते हुए नीचे की ओर सरकता जा रहा था. साथ ही मेरे अन्दर एक गर्म आग जाग रही थी.


उत्तेजना के कारण में थरथर कांप रहा था. मामी गहरी नींद में सो रही थीं.


अब मेरा हाथ मामी की पैंटी पर आ गया था. मैंने धीरे से पैंटी की इलास्टिक के अन्दर हाथ डाला.


मेरे हाथ को मामी की झांट के बाल लगे. मुझे बड़ा विचित्र सा महसूस हो रहा था क्योंकि उनकी झांट के बाल बहुत बड़े थे.


मैं अपना हाथ थोड़ा और नीचे करने ही वाला था कि मामी ने हलचल की. इस वजह से मैं डर गया और मैंने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल दिया.


मैं फिर से हाथ अन्दर डालने वाला था कि मामी करवट बदल कर सो गईं.


इस सब घटना में मेरी उत्तेजना इतनी अधिक बढ़ गई थी कि मेरा प्रीकम के साथ मेरा रस भी निकल गया. फिर मैं भी सो गया.


दूसरे दिन मामी मेरी तरफ अजीब निगाहों से बिल्कुल भी नहीं देख रही थीं. सब कुछ सामान्य चल रहा था.


शायद मामी को पता नहीं चला होगा कि रात में उनके साथ क्या क्या हुआ था.


मैं फिर से रात होने का इंतजार कर रहा था.


रात हुई, मामा जी अपनी ड्यूटी पर चले गए और मामी ने बच्चों को सुला दिया.


वे खुद एक कोने में सो गईं लेकिन मेरी नींद कोसों दूर थी. मैंने देखा कि मामी सो गई हैं.


मैंने मामी का बच्चा, जो हमारे बीच में सो रहा था, उसे मेरी एक तरफ सुला दिया और मैं खुद मामी की तरफ सरक गया. मामी सीधी होकर सो रही थीं.


मामी के ब्लाउज के दोनों बटन बंद थे. मैंने धीरे से अपना हाथ ब्लाउज के ऊपर से ही मामी के स्तनों पर रख दिया.


वह अहसास बड़ा ही शानदार था. मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनके मम्मों पर फिरा रहा था और अपना दबाव उनके दोनों स्तनों पर बढ़ाता जा रहा था.


कुछ देर बाद मैंने मामी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और उनके स्तनों को आजाद कर दिया. अब मैं धीरे धीरे अपने हाथों से उनको महसूस कर रहा था.


मैंने अपना मोर्चा नीचे की तरफ मोड़ दिया लेकिन आज मामी ने अपने पेटीकोट की गांठ बहुत कसकर बांधी थी.


मेरे बहुत कोशिश करने के बाद भी वह खुल नहीं रही थी.


तभी मुझे पेशाब लगने लगी तो मैं उठ कर पेशाब करने चला गया. जब वापस आकर मैंने देखा तो पेटीकोट की गांठ खुली हुई थी.


यह देख कर मुझे बड़ा ताज़्जुब हुआ कि यह कैसे खुल गई. मुझे समझ में आ गया कि ये मामी ने ही किया होगा.


मैंने अब अपना हाथ धीरे से अन्दर की ओर खिसका दिया. मेरे हाथों को घने बालों का जंगल लगा, तो मैंने अपना हाथ और नीचे की तरफ बढ़ा दिया.


मुझे एक गर्म अहसास हुआ. मेरे हाथ में मामी की चूत की पंखुड़ियां लग गई थीं जिन्हें मैं महसूस कर रहा था.


मेरे दिल की धड़कन बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. आज जिंदगी में पहली बार मैंने किसी चूत को छुआ था.


मैं अपनी उंगलियां चूत की फाँकों पर फिरा रहा था.


मुझे अपनी उंगलियां चूत के अन्दर डालना थीं, पर मुझे चूत का दरवाजा ही नहीं मिल रहा था. थोड़ी देर मैं ऐसे ही हाथ फिराता रहा.


फिर मैंने उत्तेजनावश अपना लंड बाहर निकाल दिया और मामी का हाथ अपने हाथ में लेकर उस पर रख दिया. अब मेरा हाथ उनकी मुलायम सी चूत पर था और उनका हाथ मेरे लंड पर.


वह पल एक बेहद हसीन पल था.


मैंने धीरे धीरे अपना हाथ मामी की चूत के छेद पर रख दिया और अपनी उंगलियां चूत के छेद पर फिराने लगा. फिर मैंने अपनी एक उंगली से ऊपर से नीचे की … और मामी की चूत का रास्ता ढूंढते हुए मैंने अपनी एक उंगली मामी की चूत के अन्दर के रास्ते पर रख कर अन्दर दबा दी.


मेरी उंगली बहुत ही आसानी से मामी की चूत के अन्दर घुसती चली गई. उस गर्म अहसास को मैं महसूस करने लगा. वह एक गर्म और बहुत अच्छा सुखद अहसास था.


मैंने धीरे धीरे अपने हाथ की उंगली को मामी की चूत के अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.


मेरी एक उंगली मामी की चूत के अन्दर बाहर हो रही थी, तो मामी को भी धीरे धीरे मजा आने लगा. मामी ने जो अपना हाथ मेरे लंड पर रखा था, उसका कसाव वह मेरे लंड पर बढ़ाती जा रही थीं.


फिर धीरे धीरे मामी ने अपना पूरा हाथ मेरे लंड पर रखते हुए अपने हाथ की पकड़ में मेरे पूरे लंड को ले लिया. मैंने भी एकदम अपनी दूसरी उंगली भी मामी के चूत के अन्दर डाल दी और अपना एक हाथ मामी के स्तन के ऊपर रख दिया.


मामी के स्तन का अहसास बहुत ही कोमल और मुलायम था. नीचे मेरे हाथ की दो उंगलियां मामी की चूत के अन्दर बाहर हो रही थीं. वह एक गर्म अहसास था.


मुझे एक ही समय में तिहरा मजा आ रहा था. मेरा एक हाथ मामी के स्तन पर था, मेरे दूसरे हाथ की दो उंगलियां मामी की चूत के अन्दर बाहर हो रही थीं.


बोनस में तीसरा सुख मेरे लंड के ऊपर मामी का हाथ दे रहा था. वे धीरे धीरे मेरे लंड की फोर स्किन के साथ खेल रही थीं और उसे ऊपर नीचे कर रही थीं.


मैंने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए अपनी दोनों उंगलियों को मामी की चूत में तेजी से अन्दर बाहर करना चालू कर दिया. इसकी वजह से मामी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मामी को मजा आने लगा था, उनके मुँह से कामुक आवाजें तेज हो रही थीं.


मामी के मुँह से मदभरी आवाजों को सुनकर मेरा हौसला भी बढ़ता जा रहा था.


मेरे लंड से प्रीकम का पानी निकलना चालू हो गया था जिसकी वजह से मामी के हाथ की पकड़ मेरे लंड पर अच्छे से बैठ रही थी.


मामी भी मेरे लंड को तेजी से ऊपर नीचे की ओर करती हुई हिला रही थीं. वे लौड़े के टोपे से खेल रही थीं.


साथ ही वे अपनी उंगली मेरे लंड के टोपे पर फिरा रही थीं जिसकी वजह से मेरे पूरे बदन में एक झनझनाहट महसूस हो रही थी. मैंने अब आगे बढ़ने की सोची और उनकी चूत से उंगलियों को निकाल कर अपने मुँह में ले लिया.


वे कसमसाने लगीं. शायद उन्हें अपनी चूत से उंगलियां निकलवाना अच्छा नहीं लगा था. मैंने उनकी तरफ देखा तो वे बिना कुछ बोले उठ कर मेरे लंड पर झुक गईं और Xxx मामी ने अपने मुँह में लंड को भर लिया.


आह … यह अद्भुत था.


मेरे जीवन में किसी स्त्री के मुँह में लंड का जाना मेरे लिए एक अलौकिक अहसास था. लंड एकदम कड़क हो गया था.


एक मिनट से भी कम समय में ही मामी ने मेरे लंड को चूस कर छोड़ दिया था. शायद उन्होंने अपनी चूत के साथ हुए अन्याय का बदला लंड चूस कर छोड़ने से ले लिया था.


मुझसे रहा न गया, मैंने उनके सर को पकड़ कर लंड पर झुकाने का प्रयास किया.


तो मामी मुस्कुरा दीं और उन्होंने लंड चूसने से मना कर दिया. मैंने उठ कर उन्हें वापस अपने लौड़े पर दबा दिया तो वे लंड को चूसने लगीं और एक दो चुप्पे लगा कर फिर से अलग हो गईं.


अब उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए और मुझसे भी इशारे से कहा.


अगले कुछ ही पलों में मैं भी नंगा हो गया था.


अब मामी मेरे सामने चूत खोल कर उस पर अपना हाथ फेर रही थीं और मेरी तरफ देख कर उन्हें चोदने का इशारा कर रही थीं.


मैंने उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड चूत के ऊपर घिसा तो मामी ने अपने हाथ से लंड को चूत के मुँह पर सैट कर दिया और मैंने उनके ऊपर दबाव दे दिया.


एक मीठी आह के साथ मेरा लंड मामी की चूत की गहराई में खो गया. आह … यह बड़ा ही सुखद अहसास था Xxx मामी चुदाई का!


हम दोनों अपनी अपनी जिस्म की प्यास बुझाने की कोशिश करने लगे थे.


कुछ दस मिनट बाद मामी आह आह करती हुई स्खलित हो गईं और निढाल हो गईं. मेरा लंड अभी भी सख्ती से उनकी चूत को रौंद रहा था.


कुछ मिनट बाद मामी की चूत ने मेरे लंड को वापस निचोड़ना शुरू कर दिया और जल्द ही मैं उनकी चूत में बहने लगा.


हम दोनों हांफते हुए लिपट गए और मामी ने अपना एक दूध मेरे मुँह में दे दिया.


उनके दूध की धार से मेरा प्यास गला तृप्त होने लगा. कुछ ही देर में हम दोनों गहरी नींद के आगोश में चले गए.


आपको मेरी Xxx मामी चुदाई कहानी कैसी लगी. प्लीज लिख कर बताएं. मेरी ईमेल आईडी है [email protected]


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