पड़ोसन दीदी की चूत गांड फाड़ दी

जीवन सिंह यादव

24-04-2024

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देसी गांड Xxx स्टोरी में मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की उम्र ज्यादा हो रही थी. वह मेरे घर आती तो मुझे लुभाने की कोशिश करती. तो मैंने भी फायदा उठाया और पेल दिया.


हैलो लंड के बादशाहो, मैं शुभ! मैं इस समय एमए कर चुका हूँ और घर पर ही रहता हूँ.


हुआ यह कि हमारे पड़ोस में एक सेक्सी माल रहती थी. उन लोगों से हमारे अच्छे संबंध थे. जब भी उन्हें किसी चीज की जरूरत पड़ती तो वह माल अपनी गांड हिलाती हुई मेरे घर आ जाती थी … और मुझे जरूरत पड़ती तो मैं अपना लंड हिलाते हुए चला जाता.


यह देसी गांड Xxx स्टोरी उसी लड़की की चुदाई की कहानी है.


दोस्तो, मेरे घर के सामने एक पटेल फैमिली रहती थी. मैं आपको बता दूं कि उस पटेल फैमिली में एक ही मर्द था, जो अक्सर घर से बाहर रहता था. घर में उसकी पत्नी यानि आंटी जी और उनकी लड़की प्रिया दीदी रहती थीं.


प्रिया उसी लड़की का नाम है, जिसकी मैंने फाड़ी थी. वे मुझसे उम्र में बड़ी थीं और पढ़ती थीं. उनकी शादी की उम्र हो चुकी थी पर पटेल अंकल को शायद उनकी शादी की चिंता नहीं थी.


पटेल अंकल की पत्नी यानि आंटी जी एक उम्रदराज महिला थीं, तो वे मोहल्ले की अन्य औरतों के साथ अधिकतर समय मंदिर में ही रहती थीं. आंटी जी इतनी ज्यादा धार्मिक थीं कि कभी कभी तो वे रात में घर ही नहीं आती थीं.


इस वजह से उनके घर में अक्सर प्रिया दीदी अकेली ही रहती थीं. वे भी शायद अपने आपमें इतनी अधिक मस्त रहती थीं कि उन्हें दीन दुनिया से कोई लेना देना ही नहीं रहता था, बस अपनी पढ़ाई में ही लगी रहती थीं. उसके अलावा भी अगर दीदी कुछ करती होंगी, तो मुझे मालूम नहीं था.


मुझे तो बस वे एक मस्त माल लगती थीं और मेरे मन में अक्सर उनकी लेने का दिल करता था. मेरी उनकी चूत चोदने की इच्छा काफी समय से थी.


उनके घर में कोई रहता नहीं था और प्रिया दीदी घर छोड़ती नहीं थीं. दीदी के घर में खाने का सामान आदि कम ही रहता था, तो वे अक्सर मेरे घर मांगने आ जाती थीं.


मेरे पापा बिजनेस में हैं और मम्मी सरकारी टीचर हैं. मेरी जिंदगी भी मजे में ही चल रही थी.


पापा अपने काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं और मम्मी अपनी नौकरी के चक्कर में सुबह से शाम तक बाहर ही रहती हैं. मैं भी अपने घर में अकेला ही रहता था.


जब भी दीदी मेरे घर पर सामान आदि लेने आती थीं तो वे मुझे अकेला पाकर मुझसे बात कर लेती थीं.


दीदी ने एक बार मुझसे कहा भी था कि अगर कॉलेज के कोई नोट्स वगैरह लेने हो, तो मुझे बता देना. मैं सात बजे के बाद खाली रहती हूँ. मैंने उन्हें हां कह दिया.


जब उन्होंने मुझसे यह कहा कि वे शाम को सात बजे के बाद फ्री रहती हैं, तो मेरे दिमाग की बत्ती जली कि इन्होंने समय को लेकर इतना स्पष्ट क्यों कहा कि शाम को आ जाना. क्या दीदी को भी मेरे लौड़े की जरूरत है!


बस अब मैं उनकी इसी बात को लेकर ध्यान देने लगा कि दीदी के मन में क्या चल रहा है. सबसे पहले मैंने उनके कपड़ों की तरफ ध्यान दिया तो पाया कि वे जब भी मेरे घर कोई सामान लेने आती थीं, तब वे अक्सर मेरे सामने झुकने की कोशिश करती थीं ताकि मुझे उनके मम्मे दिख जाएं.


यह देख कर मेरे लंड में आग लगनी शुरू हो गई.


एक दिन मैंने उनसे नोट्स के लिए कहा, तो उन्होंने मुझसे कहा कि रात को दस बजे आकर ले जाना. मैं समझ गया कि आज काम फिट हो सकता है.


मैं नौ बज कर पैंतालीस मिनट पर उनके घर पहुंच गया. प्रिया दीदी उस वक्त झुक कर काम कर रही थीं, तो उनके बूब्स दिख रहे थे. पर अफसोस उन्होंने ब्रा पहन रखी थी.


मेरा लौड़ा तो खड़ा हो गया.


जब मैं वहां से कॉपी उठा कर खड़ा हुआ तो मेरा लौड़ा सीधे उनके गालों पर लगा.


वे तो शर्मा गईं और हंसने लगीं. मैं भी मुस्कुरा कर घर आ गया.


सुबह जब मैं छत पर गया, पौधों में पानी लगाने लगा. तो देखा कि वे अपने पौधों में पानी लगा चुकी थीं.


उन्होंने मुझे देखा तो स्माइल कर दी और उसी गाल पर हाथ रखने लगीं, जिस पर लंड ने चोट मारी थी.


मेरा लौड़ा फिर वही सीन सोच कर खड़ा हो गया. मैं अपने लंड को सहलाते हुए हल्का सा मुस्कुराया और वहां से हट गया.


उसी दिन शाम को मुझे एक खुशखबरी मिली कि मेरी जॉब लगने का ईमेल आ गया था.


मैंने दीदी को बताया कि मेरी जॉब लग गई है और मुझे अगले हफ्ते ही जाना है. दीदी भी बड़ी खुश हुईं और उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर कर मेरे माथे एक किस कर दिया.


उस वक्त मुझे उनके दूध अपनी छाती पर गड़ते से महसूस हुए तो मैं झनझना गया. मेरा लंड भी एकदम से कड़क होकर दीदी की टांगों में उनकी चूत पर रगड़ खाने लगा.


दीदी ने मेरे लंड का अहसास किया तो वे मुझसे अलग हुईं और हंस कर बोलीं- तुझे तो कुछ ज्यादा ही खुशी हो रही है.


मैंने भी कह दिया कि दीदी एक आप ही तो हैं, जिससे मैं अपनी खुशी जाहिर कर लेता हूँ. वे हंसने लगीं और कुछ देर बाद मैं उनके घर से चला आया.


दूसरे दिन मेरी मम्मी को पापा के साथ किसी रिश्तेदार के घर शादी में जाना था और उन्हें दो दिन बाद आपस आना था.


न जाने क्यों मुझे यह समय दीदी की चुदाई के लिए मुफीद लग रहा था.


दीदी को भी यह मालूम था कि मेरे घर में कोई नहीं रहने वाला है. उस दिन शाम का टाइम हो रहा था तो प्रिया दीदी घर आईं.


मैं उस वक्त वॉशरूम में नहा रहा था. उन्होंने मुझे आवाज लगाई और बोलीं- फोन बता दो, कहां रखा है. हॉटस्पॉट खोलना है.


पहले तो मैंने बिना सोचे फोन बता दिया. करीब पांच मिनट बाद ध्यान आया कि उसमें तो सेक्स वीडियो खुली थी. कहीं प्रिया दीदी ने देख ना ली हो.


वे मेरे बारे में क्या सोचेंगी. मैं जल्दी से बाहर निकला तो देखा प्रिया दीदी के हाथ में मेरा फोन था.


मैं उनके पीछे गया, तो देखा वे वही वीडियो चला रही थीं. प्रिया दीदी अपने होंठ दबा कर चुदाई देख रही थीं.


मैंने उसी वक्त उनके ध्यान को भंग कर दिया- दीदी … यह आप क्या देख रही हो?


प्रिया दीदी एकदम से घबरा गईं और कहने लगीं- अरे अरे रुक, मेरी बात तो सुन! इसी बीच मैंने उनके एक चूचे पर हाथ मार दिया, जिससे लौड़ा खड़ा हो गया.


मैंने उनके हाथ से फोन छीन लिया और वे मुझसे छीना झपटी करने लगीं. इससे मेरी टॉवल खुल गई और मैं अब उनके सामने नंगा हो गया.


मेरा लौड़ा मूसल सा खड़ा था. वे इससे पहले चीखतीं, मैं उन्हें लेकर बेड पर गिर गया.


वे गर्म तो वीडियो देख कर ही हो गई थीं. मैंने भी सोचा कि कुछ दिनों में तो मैं यहां से चला ही जाऊंगा. आज इनकी चूत ट्राई कर लेता हूँ.


मैंने भी उठ कर उनकी सलवार और सूट फाड़ दिए. उन्होंने अन्दर ब्रा पैंटी कुछ नहीं पहनी थीं तो वे एकदम नंगी हो गई थीं.


वे मेरी इस हरकत से एकदम से घबरा गईं और चिल्लाने लगीं. मैंने उन्हें लिप किस किया और उनके ऊपर गिर कर लंड का सुपारा चूत के अन्दर डाल दिया.


लंड भी साला ठीक चूत की दरार पर सैट हो गया था. मैंने एक जोर का धक्का मारा, तो मुझे लगा कि लंड किसी संकरी जगह में फंस गया. उधर दीदी भी चीख रही थीं.


उन्होंने मेरा मुँह हटाया और गाली देती हुई बोलीं- भोसड़ी के मेरी बात तो सुन ले … मैंने तुझे खिड़की से देख लिया था कि तू क्या देख रहा है. मैं खुद तुझसे अपनी बुर मरवाना चाहती थी इसलिए घर जाकर ब्रा और पैंटी उतार कर आई हूं. लेकिन तू वॉशरूम में नहा रहा था, तो मैंने सोचा कि तेरे फोन में चेक कर लूं. कोई गर्लफ्रेंड तो नहीं है तेरी, लेकिन उसमें वह वीडियो देख कर गर्म हो गई. चोद मेरी जान, चोद और जोर से चोद. आह तेरा यह सुपारा … आह हम्म्म आह्ह.


मैं- साली प्रिया … तेरी बहन की चूत, रंडी साली आज तो तुझे कुतिया बना दूँगा भोसड़ी वाली. तेरी बहन की चूत चोदूँ मादरचोदी छिनाल आह तेरी चूत बड़ी टाइट है रंडी.


दीदी- आह चोदो मेरे राजा आह्ह मेरी बुर के मालिक … चूत के मालिक चोदो … बस अपना रस मेरे मम्मों पर निकाल देना मेरे राजा.


मैं- रुक रंडी साली प्रिया … तुझे छोटी उम्र से ही चोदने की बड़ी ख्वाइश थी रंडी … म्म्म्म्म. हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का सुख लेने लगे.


मिसनरी चुदाई के बाद मैंने दीदी से कहा- अब कुतिया बन जाओ … पीछे से लेने का जी कर रहा है.


वे झट से कुतिया बन गईं. मैंने उनकी चूत को लंड के सुपारे से घिसा और घचाक से लौड़े को अन्दर पेवस्त कर दिया.


दीदी ने आह करते हुए लंड लील लिया और धकापेल शुरू हो गई. कुछ देर बाद दीदी झड़ गईं पर मैं उन्हें चोदता रहा.


दीदी बोलीं- अब बस भी कर साले … चूत एकदम जल रही है. मैंने कहा- तो गांड में डाल दूँ?


वे कुछ नहीं बोलीं. मैंने लंड बाहर निकाला और चित लेट गया.


दीदी की चूत फिर से गर्मा गई थी तो वे अपनी चूत को मेरे लंड पर टिका कर लंड की सवारी गांठने लगीं.


मैंने भी उनकी एक चूची को मुँह में दबाया और मजा लेने लगा. कुछ मिनट बाद मेरे लंड ने उल्टी करने की स्थिति बना ली.


मैं चरम सीमा पर आ गया था. मैंने उनसे कहा तो वे मेरे लंड से उठ गईं.


मैंने दीदी के मम्मों पर मुठ मार कर अपना कामरस निकाल दिया. कुछ देर बाद वापस लंड खड़ा हो गया.


मैंने उनसे कहा- दीदी वापस से घोड़ी बन जाओ. वे झट से घोड़ी बन गईं.


मैंने उनकी गांड पर जैसी ही थूका, वैसे ही वे मना करने लगीं. दीदी कहने लगीं- प्लीज़ बाबू पीछे नहीं … बहुत दर्द होता है.


मैंने कहा- दर्द नहीं होगा, थूक जो लगा दिया. लेकिन फिर भी वह मना करने लगीं.


मेरी बहुत जिद के बाद उन्होंने हां कर दी और मैंने अपना लंड उससे चटवा कर चिकना व खड़ा करवाया.


उनकी Xxx गांड की गर्मी ने थूक सुखा दिया था. दीदी की देसी गांड के ऊपर मैंने फिर से थूका और लंड पेल कर धकापेल चालू कर दी.


मैंने गांड मारते समय दीदी के दूध भी दबाए जिससे वे और जोर जोर से मादक सिसकारियां ले रही थीं ‘हआह मर गई’ कह कर चिल्ला रही थीं. मैंने उनकी एक न सुनी और गांड मारता रहा.


कुछ देर बाद वे भी देसी गांड चुदवाने का मजा लेने लगीं. अब मैं थकने लगा था लेकिन मेरे लंड में अभी बहुत जान बाकी थी.


फिर वे मुझे गाली देने लगीं- मादरचोद, तूने मेरी कुंवारी गांड फाड़ दी. यह मैंने अपने खसम के लिए कोरी रखी थी. मैंने कहा- जब तक आपकी शादी होगी, तब तक तो आपकी चूत गांड दोनों वापस टाइट हो जाएंगी. फिर कुछ आप भी आह आह करके अपने पति को विश्वास दिला देना कि आपकी दोनों दुकानें एकदम सील बंद हैं.


दीदी हंसने लगीं और बोलीं- भैन का लंड जाने किसकी चूत में लंड घुसाए पड़ा होगा. जब मिलेगा तब देखूँगी … अभी तो तू मेरी Xxx गांड मार और मजा ले.


कुछ देर बाद मैं झड़ गया और उस रात दीदी मेरे घर में ही रुकी रहीं. उस रात मैंने दीदी की दो बार चूत और चोदी.


थक कर हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.


उस पूरे हफ्ते मैंने दीदी की खूब ली और उन्हें मस्त कर दिया. तो दोस्तो, यह थी मेरी देसी गांड Xxx स्टोरी. आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं. [email protected]


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